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Information on first and current Shankaracharya of 4 math...
Shankaracharya - Establishment of tradition
Information on math of Shankaracharya वेद – वेद संसार के प्राचीनतम ग्रन्थ हैं ।  वेद का ज्ञान सृष्टि के आदि में परमात्मा ने अग्नि , वायु , आदित्य और अंगिरा – इन चार ऋषियों को समाधि की अवस्था में एक साथ दिया था । वेद चार हैं ---- १. ऋग्वेद – इसमें तिनके से लेकर ब्रह्म–पर्यन्त सब पदार्थो का ज्ञान दिया हुआ है । इसमें 10,580 मण्डल –१०. सूक्त-१०२८ शाखा –२० ब्राह्मण - ऐतरेय उपवेद – आयुर्वेद मूलवेद - शाकल शाखा मन्त्र-उच्चारण - शीध्र-वृत्ति २. यजुर्वेद – इसमें कर्मकाण्ड है । इसमें अनेक प्रकार के यज्ञों का वर्णन है । इसमें १,९७५ मन्त्र हैं। अध्याय – ४० शाखा - १०० ब्राह्मण – शतपथ उपवेद - धनुर्वेद मूलवेद - माध्यन्दिनी शाखा मन्त्र-उच्चारण - मध्यम-वृत्ति ३. सामवेद – यह उपासना का वेद है। इसमें १,८७५ मन्त्र हैं । ब्राह्मण – ताण्ड्य या छान्दोग्य ब्रह्मण । शाखा - ९९९ उपवेद - गान्धर्ववेद मन्त्र-उच्चारण - विलम्बित-वृत्ति मूलवेद - कौथुमी शाखा ४. अथर्ववेद –इसमें मुख्यतः विज्ञान–परक मन्त्र हैं । इसमें ५,९७७ मन्त्र हैं । काण्ड - २० सूक्त-७३१ ...

Gita

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Shlok sangrah

*प्रतिदिन स्मरण योग्य शुभ सुंदर मंत्र। संग्रह*   *🔹 प्रात: कर-दर्शनम्🔹* कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती। करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्॥          *🔸पृथ्वी क्...

ગણપતિ સ્તોત્ર

गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्ं। उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्॥ भावार्थ : जो हाथी के समान मुख वाले हैं, भूतगणादिसे सदा सेवित ...

Shiv Manas Puja

શિવ માનસ પુજા રત્નૈઃ કલ્પિતમાસનં હિમજલૈઃ સ્નાનં ચ દિવ્યામ્બરં નાનારત્ન વિભૂષિતં મૃગમદા મોદાઙ્કિતં ચન્દનમ | જાતી ચંપક બિલ્વપત્ર રચિતં પુષ્પં ચ ધૂપં તથા દીપં દેવ દયાન...

12 Jyotirling

         द्वादशज्योतिर्लिङ्गस्तोत्रम् ॥ सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम् । भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये ॥ १॥ श्र...

મંત્રો

        🔹 प्रात: कर-दर्शनम्🔹 कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती। करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्॥          🔸पृथ्वी क्षमा प्रार्थना🔸 समुद्र वसने देवी पर्वत स...